देश की सड़कों पर सीएनजी कारों की संख्या हर दिन बढ़ रही है क्योंकि लोग महंगे पेट्रोल और डीजल से परेशान हैं। सीएनजी पेट्रोल की तुलना में सस्ता है, और यह आपकी कार को एक टैंक पर आगे भी ले जाता है। लेकिन सीएनजी कारों के साथ कई लोग पैसे बचाने के चक्कर में कुछ ऐसी गलतियां भी कर रहे हैं, जो न सिर्फ कार के इंजन को नुकसान पहुंचाती हैं, बल्कि यात्रियों की जान भी जोखिम में डाल सकती हैं। घरेलू एलपीजी गैस से सीएनजी कार चलाना गलती है। अगर आप भी यह काम करते हैं तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि इसके क्या नुकसान हैं। इसके साथ ही हम आपको सीएनजी और एलपीजी से जुड़ी कुछ जरूरी जानकारियां भी बताएंगे।
कीमतों में अंतर के कारण लोग प्रयोग करते हैं एलपीजी
रसोई गैस सिलेंडर का इस्तेमाल घरों में खाना पकाने और गर्म करने के लिए किया जाता है। इनमें 14 होते हैं।2 किलो गैस, जिसकी कीमत 71 रुपये प्रति किलो है। सीएनजी प्रति किलो सस्ती है, लेकिन पैसे बचाने के लिए लोग वाहनों में सीएनजी की जगह एलपीजी का इस्तेमाल करते हैं।
कितना मिलता है माइलेज?
कार में सीएनजी का माइलेज अलग-अलग मॉडल और इंजन के हिसाब से अलग-अलग होता है। कुछ कारें पूरे सिलेंडर पर 35 किमी/किग्रा तक चल सकती हैं। इसका मतलब है कि सीएनजी के एक टैंक पर कार को 300 से 350 किलोमीटर तक चलाया जा सकता है। सीएनजी पर गाड़ी चलाने का खर्चा रु.5/किमी और एलपीजी की लागत ₹ 2/किमी है।
क्या होता है LPG से नुकसान
एलपीजी सिलेंडर कारों में उपयोग के लिए खतरनाक होते हैं क्योंकि वे आग या विस्फोट का कारण बन सकते हैं। एलपीजी में मौजूद सल्फर पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाता है। इसके अतिरिक्त, LPG का उपयोग करने से कार के इंजन का जीवनकाल 25% तक कम हो जाता है।